कभी शर्म की तस्वीर कभी मोहब्बत का पैगाम देती है, आशिकों के दिल पर ज़ख्म हज़ार करती है, अगर चाहे कोई चाहत को लाख छुपाना,आँखें वही हाल ऐ दिल बयान करती हैं.
हम से जाओ न बचाकर आँखें,यूँ गिराओ न उठाकर आँखें,ख़ामोशी दूर तलक फैली है,बोलिए कुछ तो उठाकर आँखें,अब हमें कोई तमन्ना ही नहीं,चैन से हैं उन्हें पाकर आँखें,मुझको जीने का सलीका आया,ज़िन्दगी तुझसे मिलाकर आँखें.
तेरी आँखों की नमकीन मस्तियाँ, तेरी हंसी की बेपरवा गुस्ताखियाँ, तेरी जुल्फों की लहराती अंगडाइयां नहीं भूलूंगा मैं,जब तक है जान, जब तक है जान.
जब भी चूम लेता हूँ इन हसीन आँखों को,सौ चिराग अंधेरे में झिलमिलाने लगते हैं,फूल क्या, चाँद क्या, सितारे क्या,सब रक़ीब कदमों पर सर झुकाने लगते हैं.
कुछ बातें हमसे सुना करो,कुच बातें हमसे किया करो,मुझे दिल की बात बता डालो,तुम होंठ ना अपने सिया करो,जो बात लबों तक ना आऐ,वो आँखों से कह दिया करो.
तेरी आँख से आंसू चुरा लेंगे;तेरा हर गम बिना जताये उठा लेंगे;नज़र ना लग जाये तुम्हें किसी की अय दोस्त;कुछ इस तरह से तुम्हें अपने दिल में हम छुपा लेंगे.
आँखों में आंसुओं की लकीर बन गई;जैसी चाहिए थी वैसी तकदीर बन गई;हमने तो सिर्फ रेत में उंगलियाँ घुमाई थी;गौर से देखा तो आपकी तस्वीर बन गई.
दिल की बातें,बता देती है आखें,धडकनों को जगा देती हैं ऑंखें,दिल पर चलता नही जादू,चेहरों का कभी,दिल को तो,दीवाना बना देती हैं ऑंखें.
छुप छुप के देखना अच्छा लगता हैदिल की धड़कन में उनको सुनना अच्छा लगता है,लफ्ज़ होठों पर लाने की ज़रुरत नहीं, आँखों आँखों में बाते करना अच्छा लगता है.
कभी शर्म की तस्वीर कभी मोहब्बत का पैगाम देती है, आशिकों के दिल पर ज़ख्म हज़ार करती है, अगर चाहे कोई चाहत को लाख छुपाना,आँखें वही हाल ऐ दिल बयान करती हैं.